UGC Latest Update: अब देश में अपनी फील्ड में 15 साल की सेवा दे चुके एक्सपर्ट्स 'प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस बन सकेंगे', इसके साथ ही वे अपनी सैलेरी खुद तय कर सकेंगे; तथा वे जॉब ओरिएंटेड गाइडेंस देंगे।
हाल ही में हमारे देश में हायर एजुकेशन की पढ़ाई को ओर ज्यादा इंडस्ट्री और जॉब ओरिएंटेड बनाने के लिए UGC ने विचार व्यक्त किए हैं और इसी कड़ी में आगे कदम उठाते हुए UGC ने एक नया इनीशिएटिव शुरू किया है। यूजीसी द्वारा शुरू किए गए इस प्रोग्राम के तहत अब अलग-अलग फील्ड के इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स युवा उम्मीदवार देश की विभिन्न यूनिवर्सिटीज़ में 'प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस' के पोस्ट पर भर्ती किए जाएंगे। इसके सम्बन्ध में UGC चेयरमैन एम जगदीश कुमार का कहना है कि इन विभिन्न पदों पर एक्सपर्ट्स युवा उम्मीदवारों के भर्ती होने से बच्चों को क्लासरूम में रियल वर्ड एक्सपीरिएंस पाने का मौका मिलेगा जिससे वो बेहतर तरीके से इंडस्ट्री में जॉब के लिए तैयार होंगे तथा देश की विभिन्न यूनिवर्सिटीज में पढ़ने वालें बच्चों को इस प्रोग्राम से बहुत फायदा होगा। इस प्रोग्राम के शुरु होने से स्टूडेंट्स में प्रैक्टिकल स्किल्स भी विकसित होंगे। तथा यूजीसी द्वारा संचालित यह प्रोग्राम बच्चों के भविष्य में अच्छा साबित होगा।
देश की विभिन्न इंडस्ट्रीज के एक्सपर्ट्स लेंगे यूनिवर्सिटी में क्लास:-
भारत देश की यूजीसी संस्था की तरफ से संचालित होने वाले प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस इनीशिएटिव प्रोग्राम के तहत अलग- अलग फील्ड जैसे इंजीनियरिंग, साइंस, टेक्नोलॉजी, आंत्रेपेन्योरशिप, मैनेजमेंट, सीए, कॉमर्स, सोशल साइंस, मीडिया, लिट्रेचर, फाइन आर्ट्स, सिविल सर्विस, आर्म्ड फोर्सेज, लीगल प्रोफेशन और पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में अनुभव रखने वाले योग्य उम्मीदवार जो अपनी अपनी फिल्ड में एक्सपर्ट्स हैं वे सभी उम्मीदवार अब देश के अंदर हायर एजुकेशन इंस्टिट्यूट्स में क्लासेज़ लेंगे और बच्चों को अपने रियल लाइफ एक्सपीरिएंस की मदद से इंडस्ट्री के लिए तैयार करेंगे। तथा भारत देश के विभिन्न हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूट्स में पढ़ने वालें विद्यार्थियों को उनके भविष्य को संवारने में मदद करेंगे। तथा उन बच्चों को वे एक्सपर्ट्स अपने रियल लाइफ एक्सपीरियंस से आगे बढ़ने के लिए मोटिवेट करने का कार्य करेंगे।
भारतीय संस्था यूजीसी द्वारा जारी इस स्कीम की पूरी जानकारी इच्छुक एवम योग्य उम्मीदवार संस्था की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर प्राप्त कर सकते। उम्मीदवारों को इस स्कीम के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए हमने नीचे यूजीसी संस्था की ऑफिशियल वेबसाइट का लिंक नीचे उपलब्ध करवा दिया हैं जिसकी सहायता से यूजीसी की इस स्कीम में रूचि रखने वाले उम्मीदवार इस स्कीम के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
यूजीसी के'प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस' प्रोग्राम में कौन होंगे पात्र :-
यूजीसी द्वारा संचालित होने वाली प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस इनीशिएटिव स्कीम में ऐसे प्रोफेशनल्स उम्मीदवारों का चयन किया जाएगा जिन्होंने इंजीनियरिंग, साइंस, कॉमर्स, मीडिया, आर्ट्स, लिट्रेचर, सिविल सर्विस, लॉ, कम्यूनिटी डेवलेपमेंट, पंचायती राज, ग्रामीण विकास, वाटरशेड विकास, जल संचयन, जैविक खेती, छोटी हरित ऊर्जा प्रणालियां, नगरपालिका योजना, आदिवासियों का समावेशी विकास और सार्वजनिक प्रशासन जैसे फील्ड में लंबा योगदान दिया है ऐसे उम्मीदवार प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस बनने के लिए पात्र हैं।
यूजीसी के इस प्रोग्राम में शामिल होने वाले उम्मीदवारों का अपनी अपनी फील्ड में सीनीयर पोजिशन पर कम से कम 15 साल का एक्सपीरिएंस होना भी जरूरी है।
तथा इन एक्सपर्ट्स के पास मैन्डेटरी एकेडमिक क्वालिफिकेशन होना जरूरी नहीं है और इन्हें प्रोफेसर भर्ती के तय मानदंडों में भी छूट मिलेगी, मगर इन उम्मीदवारों के पास अपने अपने फील्ड की जरूरी स्किल्स होना जरूरी है।
सेलेक्शन की कंडीशन की कंडीशन क्या होगी:-
यूजीसी अपने द्वारा जारी इस प्रोग्राम के तहत योग्य एक्सपर्ट्स का सेलेक्शन एक फिक्स्ड टर्म के लिए होगा।
यूजीसी द्वारा शुरू होने वाली प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस की भर्ती यूनिवर्सिटी या कॉलेज में रेगुलर फैकल्टी मेंबर्स की तय पोस्ट से अलग होंगी। अर्थात यूनिवर्सिटीज और कॉलेजों में पहले से मौजूद या रिटायर्ड टीचर्स को इन पोस्ट पर नहीं रखा जाएगा।
प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस का वेतन कितना होगा:-
यूजीसी द्वारा जारी प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस भर्ती का वेतन यूनिवर्सिटी या कॉलेज और प्रोफेसर के बीच तय होगा। इसका वहन भी यूनिवर्सिटी खुद करेगी। यूजीसी की इस स्कीम के तहत चयनित होने वाले उम्मीदवारों को शिक्षा विभाग या UGC द्वारा वेतन नहीं दिया जाएगा। उनके सम्पूर्ण वेतन का वहन यूनिवर्सिटी प्रशासन खुद वहन करेगा।
सेलेक्शन प्रोसेस:-
भारतीय संस्था यूजीसी द्वारा संचालित होने वाले इस प्रोग्राम के लिए यूनिवर्सिटी के वाइस-चांसलर या डायरेक्टर एक्सपर्ट्स के नॉमिनेशंस इनवाइट करेंगे।
इस भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने वाले एक्सपर्ट्स अपना खुद का, या किसी और का नॉमिनेशन भी कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें एक डिटेल्ड बायोडेटा और डिस्क्रिप्शन भी शेयर करना होगा।
इस भर्ती प्रक्रिया में एक्सपर्ट्स का चयन करने के लिए एक सेलेक्शन कमेटी का गठन किया जाएगा जिसमें 2 सीनियर प्रोफेसर और 1 एक्सटर्नल मेंबर होंगे। इस सिलेक्शन कमेटी के द्वारा इन नॉमिनेशंस को शॉर्टलिस्ट किया जायेगा।तथा इसके बाद यूजीसी द्वारा जारी सभी शर्तों को पूरा करने वाले उम्मीदवारों का फाइनल सेलेक्शन होगा।
यूजीसी के प्रोग्राम प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस की अवधि पहले 1 साल तक होगी।इस अवधि को यूजीसी द्वारा आगे भी बढ़ाया जा सकता है। हालांकि, यूजीसी ने साफ कहा कि इस अवधि को 3 साल से ज्यादा नहीं बढ़ाया जा सकेगा।एक्सेप्शनल केसेज में यूनीवर्सिटी वीसी की अनुमति से इस अवधि 1 और साल का एक्सटेंशन दिया जा सकता है, अर्थात यूनिवर्सिटीज के वीसी के द्वारा भी इस अवधि 4 साल से ज्यादा नहीं बढ़ाया जा सकता।
यूजीसी द्वारा संचालित होने वाले प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस इनीशिएटिव प्रोग्राम के बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त करने के लिए उम्मीदवार नीचे बताए गए लिंक पर क्लिक करें और इस योजना से जुड़ी सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त करें।
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